Support and Resistance: नए ट्रेडर बैंक निफ्टी के सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को लेकर क्यों कन्फ्यूज होते हैं – बैंक निफ़्टी हो, निफ़्टी हो या कोई और शेयर बाजार इंडेक्स हो, शेयर बाजार में नए ट्रेडर्स के लिए सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल का पता लगाना बहुत ही कठिन होता है। इसके कई कारण है, सबसे पहले तो सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल शेयर बाजार एजुकेशन में एक बेसिक टॉपिक है जिसे समझना बहुत ही जरूरी होता है। लेकिन अक्सर नए ट्रेडर्स बन रहे कैंडल्स और चार्ट को देख कर कंफ्यूज हो जाते है की कौन सा लेवल सपोर्ट है और कौन सा रेजिस्टेंस। आइये इसके कारण और इसके समाधान के बारे में उदाहरण के साथ समझते हैं।

सपोर्ट और रेजिस्टेंस (Support and Resistance) लेवल क्या होते हैं?
सपोर्ट लेवल वह प्राइस पॉइंट होता है जहां पर किसी शेयर या इंडेक्स का प्राइस गिरते-गिरते रुक सकता है, क्योंकि इस स्तर पर खरीदारों (Buyers) की मांग बढ़ जाती है। वहीं, रेजिस्टेंस लेवल वह प्राइस पॉइंट होता है जहां पर प्राइस बढ़ते-बढ़ते रुक जाता है, क्योंकि सेलर्स (Sellers) की सप्लाई बढ़ जाती है।
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नए ट्रेडर्स के कन्फ्यूजन के कारण:
- तकनीकी विश्लेषण की समझ की कमी: नए ट्रेडर्स के पास तकनीकी विश्लेषण का अनुभव कम होता है। सपोर्ट और रेजिस्टेंस को समझने के लिए चार्ट्स को पढ़ना और पैटर्न्स को पहचानना आवश्यक होता है, जो किसी भी नए ट्रेडर्स के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
उदाहरण: मान लीजिए बैंक निफ्टी का एक सपोर्ट लेवल 45,000 पर है। अगर प्राइस 45,000 के आसपास आता है और नए ट्रेडर ने चार्ट्स का सही विश्लेषण नहीं किया, तो वह सोच सकते हैं कि प्राइस और नीचे जाएगा, जबकि असल में यह सपोर्ट लेवल पर स्टेबल हो सकता है। - फॉल्स ब्रेकआउट्स (False Breakouts): कभी-कभी प्राइस सपोर्ट या रेजिस्टेंस लेवल को तोड़कर ऊपर या नीचे जाता है, लेकिन फिर तुरंत वापिस आ जाता है। इसे फॉल्स ब्रेकआउट कहते हैं। नए ट्रेडर्स इस स्थिति में कन्फ्यूज हो सकते हैं और गलत डिसीजन ले सकते हैं।
उदाहरण: बैंक निफ्टी 46,000 के रेजिस्टेंस लेवल को पार कर जाता है, और नए ट्रेडर सोचते हैं कि अब प्राइस और ऊपर जाएगा, लेकिन अचानक यह 46,000 से नीचे गिरने लगता है। इस स्थिति में वे जल्दबाजी में खरीदारी कर सकते हैं, जो नुकसानदायक हो सकता है। - मार्केट की वोलैटिलिटी: बैंक निफ्टी अत्यधिक वोलेटाइल हो सकता है, यानी इसके प्राइस में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। नए ट्रेडर्स इस वोलैटिलिटी को समझ नहीं पाते और सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को सही से पहचानने में असमर्थ हो जाते हैं।
उदाहरण: बैंक निफ्टी में एक दिन में 500-1000 पॉइंट्स का मूवमेंट हो सकता है। अगर नया ट्रेडर सपोर्ट लेवल 44,500 पर पहचानता है लेकिन मार्केट अचानक वोलेटाइल हो जाता है और प्राइस 44,000 तक गिर जाता है, तो वह समझ नहीं पाता कि कब एंट्री करनी है। - बड़े ट्रेडर्स की गतिविधियां: बड़े ट्रेडर्स और संस्थागत निवेशक मार्केट को प्रभावित कर सकते हैं। उनके द्वारा की गई बड़ी खरीदारी या बिकवाली सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को बदल सकती है, जो नए ट्रेडर्स के लिए कन्फ्यूजन का कारण बन सकता है।
उदाहरण: अगर किसी बड़े बैंक की रिपोर्ट या खबर आने के बाद बड़े निवेशक अचानक बड़ी मात्रा में शेयर खरीदते हैं या बेचते हैं, तो नए ट्रेडर्स को यह समझना मुश्किल हो सकता है कि सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल कहां स्थिर होगा।
इसे कैसे दूर करें?
- शिक्षा और प्रैक्टिस: नए ट्रेडर्स को तकनीकी विश्लेषण के बारे में अधिक जानकारी लेनी चाहिए। सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बारे में सिखाने वाले लेख पढ़ें, वीडियो देखें और डेमो अकाउंट में प्रैक्टिस करें।
- स्ट्रेटजी डेवलप करें: सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल के आधार पर अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बनाएं और उस पर दृढ़ रहें। इससे आप मार्केट की वोलैटिलिटी का सामना कर सकते हैं।
- फॉल्स ब्रेकआउट्स से सावधान रहें: अगर आपको लगता है कि ब्रेकआउट हुआ है, तो थोड़ा इंतजार करें और देखें कि यह असली है या फॉल्स जिसका पता कन्फर्मेशन कैंडल बनने के बाद चल जाता है, इससे आप गलत ट्रेड लेने से बच सकते हैं।
- समय पर निर्णय लें: सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल के आसपास ट्रेड करने से पहले ध्यान से सोचें। मार्केट की ट्रेंड को पहचानने की कोशिश करें और उसके अनुसार अपने निर्णय लें।
ओपिनियन
बैंक निफ्टी ही नहीं किसी भी इंडेक्स या शेयर के चार्ट में सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को सही से समझना सबके लिए जरूरी है। नए ट्रेडर्स के लिए तो शुरुआत में लाइव चार्ट पर बाजार समय के दौरान एक रोज़ का प्रैक्टिस सेशन होना चाहिए जिससे उन्हें सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को पहचानने में मदद मिले। ये जितना मुश्किल दिखता है उतना है नहीं। टेक्निकल एनालिसिस का सही ज्ञान, नियमित प्रैक्टिस, और धैर्य के साथ आप इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं। धीरे-धीरे आपका अनुभव बढ़ेगा और आप सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को बेहतर तरीके से पहचान पाएंगे।