
वेदांता लिमिटेड के डीमर्जर के बाद वेदांता के शेयर होल्डर को कितना फायदा होगा इससे पहले ये जानते हैं की डीमर्जर का मतलब क्या होता है?
कंपनी डीमर्जर का मतलब
किसी भी कंपनी के डीमर्जर का मतलब होता है कंपनी के दो या दो से अधिक टुकड़ों में विभाजन होना। किसी भी कंपनी की डीमर्जर तब किया जाता है जब कोई कंपनी अपने मुख्य कारोबार पर ज्यादा ध्यान देना चाहती है तथा ऐसे कारोबार जो फायदेमंद न हो उसे बंद करना चाहती है। या कंपनी डीमर्जर या कंपनी का विभाजन इसलिए भी करती है ताकि वो अपने कारोबार के अलग अलग यूनिट को विभाजित करके अलग अलग स्वतंत्र कंपनी का रूप दिया जा सके। फलस्वरूप कंपनी उन विभाजित किये गए यूनिट की कंपनी का विस्तार कर सके तथा उन्हें उनके विशेष बिज़नेस मॉडल पर ध्यान एकाग्रित करके ज्यादा अच्छे तरीके से काम किया जा सके और ज्यादा से जायदा लाभ उठाया जा सके।
कभी कभी कंपनी किसी कंपनी का डीमर्जर इसलिए भी करती है ताकि उस कंपनी को गलत तरीके से किये जाने वाले अधिग्रहण को रोका जा सके और कंपनी पर अपना नियंत्रण बनाए रखा जा सके।
डीमर्जर का शेयर धारकों पर असर
डीमर्जर के बाद पैरेंट कंपनी के शेयर धारकों को नए बनाए गए कंपनी के शेयर में कुछ हिस्सा दिया जाता है या लाभांश के रूप में कुछ राशि भुगतान की जाती है।
वेदांता डीमर्जर के बाद कौन सी नई कंपनी बनाई जा रही है और उनके क्या नाम हैं।
भारत में मेटल और मिनरल्स का कारोबार एक ट्रिलियन डॉलर का है और वेदांता डीमर्जर के बाद वेदांत ग्रुप को इस 1 ट्रिलियन डॉलर के कारोबार में ज्यादा फायदा मिलने वाला है। कंपनी के 59th एनुअल जनरल मीटिंग में वेदांता शरहोल्डर्स को सम्बोधित करते हुए चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा की वेदांता डीमर्जर करके 6 नए मजबूत कंपनी बना रही है। ये 6 कम्पनिया अपने अपने कारोबार के क्षेत्र में मजबूती सी काम करेंगी और ये सभी छे कम्पनिया वेदांता के कण्ट्रोल में ही रहेंगी और वेदांत के कारोबार के मूल सिद्धांतों और वैल्यू का पालन करते हुए आगे बढ़ेंगी। इससे वेदांता ग्रुप को और इसके शरहोल्डर्स को कई मामलों में भरपूर फायदा होगा।
डीमर्जर के बाद वेदांता की नई स्वतंत्र कम्पनी ये हैं।
- वेदांता एल्युमीनियम
- वेदांता ऑयल एंड गैस
- वेदांता पावर
- वेदांता स्टील एंड फेरस मटेरियल,
- वेदांता बेस मेटल्स एंड
- वेदांता लिमिटेड
वेदांता के डीमर्जर कंपनियों को देखने के बाद ऐसा लगता है की वेदांता ग्रुप भी टाटा ग्रुप के नक़्शे कदम पर चल निकला है और टाटा की तरह ही अलग अलग यूनिट्स में कंपनियों का विभाजन कर स्पेशलाइज्ड कारोबारी फील्ड में काम करने वाला है। ताकि अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके।
वेदांता शेयर प्राइस

10 जुलाई 2024 बुधवार को वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का वेदान्ता लिमिटेड के डीमर्जर की घोषणा करने के बाद वेदांता के शेयर में कुछ रुपये की गिरावट देखी गई और शेयर शाम को मार्केट बंद होने तक 455 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
वेदांता डीमर्जर के बाद वेदान्ता शेयर प्राइस टारगेट।
चुकी डीमर्जर के बाद वेदांत सभी छह कंपनियों को कण्ट्रोल करेगी और वेदांता लिमिटेड का कारोबार पिछले कई सालों से लगातार बढ़ रहा है और कंपनी अच्छा ख़ासा मुनाफा कमा रही है। तो सभी नए कंपनियों का स्वतंत्र रूप से कारोबार शुरू होने के बाद वर्ष 2025 से पहले आने वाले महीनों में टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर ऐसा लगता है की वेदान्ता के शेयर की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है। और कंपनी मई 2024 में बनाये गए अपने 506 रुपये के हाई को ब्रेक कर सकती है।
निष्कर्ष
वेदांता लिमिटेड जैसी किसी भी बड़ी कंपनी का जब भी डीमर्जर होता है उसके पीछे कुछ ठोस वजह होती है। कंपनी अक्सर अपने मुख्य कारोबार पर नियंत्रण बनाए रखते हुए व्यापार के अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार करती है डीमर्जर के बाद बनाई गई कंपनी के द्वारा। इससे कंपनी का तो फायदा होता ही हैं, लॉन्ग टर्म में कंपनी के शेयरधारकों को भी फायदा होता है। भले ही शार्ट टर्म में कंपनी के शेयर में कुछ गिरावट देखी जाए लेकिन नए इन्वेस्टर के लिए ये एक मौका होता है और पुराने शेयर धारकों को डिविडेंड का फायदा मिलता है तथा नई कंपनी में नए सिरे से इन्वेस्ट करने का मौका भी मिलता है।